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12. गुज़रते लोग भी उसको ठहर के देखते हैं

*अधू12*

गुज़रते लोग भी उसको ठहर के देखते हैं।
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते।

गुलाबी शाम के साए भी चूमते हैं जिसे,
बड़ी अंगड़ाइयों के पल सहर के देखते हैं।

वो उनकी गलियां जो आबाद है दीवानों से,
वो बंद किवाड़ भी सब उनके घर के देखते हैं।

अजीब मुश्क लिए गुल उधर के खिलते हैं,
अजब नज़ारें हसीं हम उधर के देखते हैं।

जिधर वो डाल दें नज़रें कमाल होता है,
ये हम भी खूब सहर उस नज़र के देखते हैं।

फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_९८०७

# आधे अधूरे मिसरे / प्रसिद्ध पंक्तियां 

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2 Comments

,, दूसरी लाइन में,,, देखते,,,, के बाद,,, हैं लिखें

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बहुत ही सुंदर और बेहतरीन अभिव्यक्ति

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